About Purushartha
पुरुष हमेशा पुरुषार्थ के लिए रोमांचित रहता है। हर समय और काल में इस महान देश में पुरुषार्थियो ने अपने पुरुषार्थ से हमारे समाज को पुल्कित किया है! मनुष्य यदि पुरुषार्थी है ,धैर्यवान है ,साहसी है ,और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मन, कर्म , और वचन से एक जूट होकर कठिन परिश्रम करता है तो सफलता स्वंय ही उसके कदम चूमती है !
महाभारत ग्रन्थ पुरुषार्थ को उजागर करने वाला सबसे चर्चित ग्रन्थ है जिसकी शुरुआत : कथा है पुरुषार्थ की, स्वार्थ की, परमार्थ की कह कर शुरू की जाती है
मानव का सम्पूर्ण जीवन पुरुषार्थ के इर्दगिर्द ही रचा बसा है ! गीता जैसे महान ग्रन्थ में भी श्री कृष्ण ने मानव के कर्म और पुरुषार्थ पर बल दिया है! रामायण में भी आता है “कर्म प्रधान विश्व रची राखा“ अर्थात बिना पुरुषार्थ के मानव जीवन की कल्पना तक नही की जा सकती!
इतिहास में ऐसे अनगिनत उदाहरण भरे पढ़े है जो पुरुषार्थ के महत्व को प्रमाणित करते है! हम इतिहास टटोलकर देखें तो ईसा मसीह, सुकरात, अब्राहम लिंकन, कालमार्क्स, सिकंदर आदि ऐसे कई पुरुषार्थी पुरुष के उदाहरण इतिहास में विद्यमान है ! इनके जीवन में जितने दुःख और परेशानियां आई इन्होने उतनी ही मजबूती के साथ उनका मुकाबला करते हुए न केवल एक या दो बार बल्कि जीवन में अनेको बार उनका डटकर मुकाबले किया और अपने प्रबल पुरुषार्थ से उन समस्याओं और दुखों को परास्त करते हुए इतिहास में अपना एक सम्माननीय स्थान बना लिया |
न पुरुषार्थ बिना स्वर्ग है
न पुरुषार्थ बिना अपवर्ग है
मैथली शरण गुप्त
पुरुषार्थ व्यक्ति के लिए संसार में कुछ भी असंभव नहीं होता है। पुरुषार्थ में कोई भी व्यक्ति हमेशा अपने उद्देश्य की ओर आगे बढ़ता रहता है और अंत में वह अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में विजय हासिल करता है। इसी कारण कहा जाता है कि उसी व्यक्ति का जीवन सफल होता है जो पुरुषार्थ से अपना, अपनी जाति का और अपने देश का उत्थान करता है।
जो लोग पुरुषार्थी होते हैं उन्हें कभी-भी किसी चीज का अभाव नहीं होता है। वो किसी के सामने हाथ नहीं फैलातें हैं वो अपने श्रम पर दृढ विश्वास रखतें हैं। उसे पता होता कि वह जो भी चाहेगा उसे प्राप्त कर लेगा। वह हमेशा आत्म-निर्भर होता है। उसे कभी-भी दूसरों का मुंह नहीं देखना पड़ता है।
पुरुषार्थ के करने से मनुष्य का अंत:करण गंगा की तरह पूर्ण रूप से पवित्र हो जाता है। हमें अपने देश की उन्नति के लिए पुरुषार्थी बनना होगा। पुरुषार्थी बनने से ही व्यक्ति को धन, यश, मान-सम्मान सब कुछ मिलता है !
Event Guest
Awardees of Purushartha Mahotsav-2019 Held on 28th September
The event key brains
The Volunteers for the Purushartha Mahotsava-2019
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