हमारे देश में अधिकारों की बात अक्सर महिलाओं से जोड़ कर ही की जाती है. यहां महिलाओं के लिए महिला थाना, राज्य और राष्ट्रीय महिला है, लेकिन अगर पुरुष को प्रताड़ना सहनी पड़े, तो उसके पास ऐसा कोई दरवाजा नहीं, जहां वे न्याय मांग सकें. पुरुषों को उनके परिवार के लिए एटीएम बना दिया जाता...
किसी भी प्रकार के आयोग का निर्माण किसी कमजोर समुदाय के हितों की रक्षा के लिए किया जाता है. वैसे हित जो सदियों से उपेक्षित रहे हैं और वर्तमान रूप में उनकी रक्षा नहीं हो पा रही है. आज भारत में पुरुषो की दशा किसी से छुपी नहीं है पर लोग इसके बारे में चर्चा...
पुरुषों के अधिकार की यह बहस इस सवाल के साथ आगे बढ़ती है कि जब यह दुनिया अकेले मर्दों की बनाई नहीं है, महिलाओं की भी इसमें बराबर की भागीदारी है, तो पीड़ित के रूप में सिर्फ महिलाओं पर ही विचार क्यों किया जाता है। क्या मर्द को कभी दर्द नहीं होता, इत्यादि। और यह...
The first edition of Purushartha Mahotsav was held in International Society for Law, New Delhi on 28th September. 16 stalwarts from several diversified fields were awarded.